वेब सेंसरशिप (आईटी एक्ट) के खिलाफ सेव योर वायस नाम से एक अभियान शुरू किया गया है और 13 मई को दिल्ली में लंगड़ा मार्च निकालने का निर्णय किया है. इसमें लोग लूले लंगड़े बनकर भाग लेंगे और ये सन्देश देंगे कि सेंसरशिप के बाद हमारी ऑनलाइन मीडिया अपाहिज हो जायेगी. इसकी सफलता के लिए एक टीम अलग अलग शहरों में जाकर ब्लागर्स मीट कर रही है और लोगों को इस अभियान के बारे में बताकर सेंसरशिप के खिलाफ एकजुट कर रही है और हर शहर में एक छोटी लंगड़ा यात्रा भी निकाल रही है. इस क्रम में सेव योर वायस की ओर से असीम त्रिवेदी और अलोक दीक्षित लोगों को जोड़ने नयी दिल्ली से मेरठ पहुंचे हैं.
मेरठ में सेव योर वायस की और से ब्लागर्स मीट का आयोजन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी परिसर में साहित्य कुटीर में किया गया, जिसमें ब्लागर्स और इंटरनेट यूज़र्स ने वेब सेंसरशिप के मुद्दे पर अपने विचार रखे. सभी इस बात से सहमत थे कि हमारी अभिव्यक्ति की आज़ादी इंटरनेट की आज़ादी के बिना अधूरी है और इस तरह के प्रयास भारत की लोकतान्त्रिक छवि पर एक धब्बे की तरह हैं. सरकार अन्ना आन्दोलन की सफलता से घबरा गयी है और जनता को दोबारा एकजुट होने का मौक़ा नहीं देना चाहती है इसीलिये इस तरह के बेहूदे प्रयासों से मज़बूत इंटरनेट को अपाहिज बनाने की कोशिश कर रही है.
10 फरवरी को यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर एक लंगड़ा मार्च का निकाला गया. लंगड़ी यात्रा के माध्यम से हम आम इन्टरनेट यूजर्स को यह सन्देश देना चाहते हैं कि अगर वे आज अपने अधिकारों को लेकर सचेत न हुए तो जल्द ही हम सभी विकलांग हो जायेंगे और अपनी अभिव्यक्ति कि आज़ादी को खो देंगे. इस सांकेतिक रैली काफी संख्या में लोग शामिल हुए. (http://bhadas4media.com/print/2507-2012-02-11-13-35-03.html)