Saturday, 4 February 2012

Blogger Meet Of Save Your Voice In Ujjain

हम अलग अलग शहरों में जाकर ब्लोगर्स मीट कर रहे हैं और लोगों को इस अभियान के बारे में बताकर सेंसरशिप के खिलाफ एकजुट कर रहे हैं. हम इस क्रम में हर शहर में एक छोटी लंगडा यात्रा भी निकाल रहे हैं और लोगों को दिल्ली की विशाल लंगडा यात्रा में आमंत्रित कर रहे हैं. इस क्रम में हम अभी उज्जैन में हैं और आज हमने यहाँ ब्लोगर्स मीट की है  

    
     सेव योर वाइस की और से असीम त्रिवेदी और अलोक दीक्षित ने आज से नेशनल टूर की शुरुआत उज्जैन से की. इस नेशनल टूर का उद्देश्य युवाओं के बीच भारत के आईटी ला और सेंसरशिप कानूनों के बारे में अवेयरनेस फैलाना है, उन्हें इंटरनेट सेंसरशिप के खिलाफ इस लड़ाई में एकजुट करना है और 13 मई को इण्डिया गेट के लंगडा मार्च का प्रचार करना है. 

      उज्जैन में इस अभियान की शुरुआत एक ब्लोगर मीट से हुई. जिसमे शहर के विभिन्न ब्लोगर्स ने वेब सेंसरशिप पर अपने विचार रखे और सेव योर वाइस अभियान की सफलता के लिए सुझाव दिए. वेब सेंसरशिप के विरोध में लगभग सभी लोग एकमत थे और इसके विरुद्ध आवाज़ उठाने की इस मुहिम से पूरा इत्तेफाक रखते थे. उज्जैन के सबसे चर्चित ब्लोगर सुरेश चिपलुनकर ने विचार रखा कि सरकार वेब कंटेंट को सेंसर करने के इस प्रयास में कामयाब नहीं होगी क्योंकि विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय वेब कम्पनियाँ सरकार के इस ऊट पटांग प्रयास के सामने घुटने नहीं टेकेंगी और भारत में चाइना की तरह कोई भी स्थानीय सर्च इंजन या सोशल नेटवर्किंग साईट नहीं है, जो गूगल और फेसबुक की ज़गह ले सके. सुरेश जी ने आवश्यकता जताई कि आईटी कानूनों की कमियों के बारे में आसान भाषा में बुकलेट तैयार करके उनकी पीडीएफ फाइल्स ब्लोग्स और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अपलोड करनी चाहिए. जिससे कोई भी आम इंटरनेट यूज़र उन्हें डाउनलोड करके पढ़ सके और भारत के सेंसरशिप कानून की खामियों के बारे में जान सकें. सुरेश जी ने अस्वाशन दिया कि वो अपने ब्लॉग और फेसबुक के माध्यम से इंटरनेट सेंसरशिप के खिलाफ इस अभियान को आगे बढ़ने में पूरा सहयोग करेंगे.

       सेव योर वाइस की इस ब्लोगर मीट में संजय शर्मा भी शामिल हुए, जो एक ब्लोगर होने के अलावा एक टेनिस खिलाड़ी हैं. उन्होंने इंटरनेट के बारे में अपने निजी जीवन की एक बेहद दिलचस्प बात बताई कि उनके घर में पिछले सात साल से टीवी नहीं है. और वो सभी प्रकार के अपडेट्स के लिए सिर्फ और सिर्फ ऑन लाइन मीडिया पर ही निर्भर हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि यदि इस अभियान से आम इंटरनेट यूज़र को जोड़ना है तो हमें कुछ इंट्रेस्टिंग तरीकों से लोगों को अभियान से जोड़ना होगा और फेसबुक पर एक संगठित अभियान चलाना होगा. कुछ दिलचस्प ग्राफिक्स और वीडियोज के ज़रिये हम आम आदमी से आसानी से कनेक्ट कर सकते हैं. 

       युवा ब्लोगर और कहानीकार पंकज देवड़ा ने विचार रखा कि हमें इस अभियान से साहित्यकारों से ज़रूर जोड़ना होगा क्योंकि उन्हें भी कई बार कानूनी और सामाजिक सेंसरशिप की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. पंकज ने भी इस बात पर जोर दिया कि हमें इस लड़ाई में इंटरनेट को ही माध्यम बनाना होगा. उज्जैन के ब्लोगर सात्विक ऐयंगर का कहना था कि हमें लोगों की सोच पर वार करना होगा जिससे उन्हें भीतर तक चोट महसूस हो. 

      अथक प्रयास के अध्यक्ष अर्पित गुप्ता का कहना था कि अगर सेंसरशिप के खिलाफ अभी आवाज़ नहीं उठाई तो लोग भ्रस्टाचार की तरह ही वेब सेंसरशिप के भी अभ्यस्त हो जायेंगे और फिर इसके खिलाफ आवाज़ उठाना बहुत कठिन हो जायेगा. युवा कवी हिमांशु वर्मा ने अपनी व्यंग्य कविताओं द्वारा वेब सेंसरशिप और सरकार के दमनकारी प्रयासों पर निशाना साधा. उज्जैन के अन्य ब्लोगर्स रोहित शर्मा, परेश गोयल और मनोज पटेल ने भी सेव योर वोईस अभियान में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया. 

      अंत में सेव योर वोईस की टीम ने 13 मई के लंगडा मार्च के बारे में ब्लोगर्स को बताया और 5 फरवरी को उज्जैन में नानाखेदा बस स्टाप से मुनिनगर चौराहे तक निकलने वाली सांकेतिक लंगड़ा यात्रा में शामिल होने का आह्वाहन किया. इस ब्लोगर मीट का संचालन अथक प्रयास के उपाध्यक्ष और सक्रिय ब्लोगर चिराग जोशी ने किया.