देश में फ्री इन्टरनेट को लेकर इन्टरनेट सेंशरशिप के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा और आम लोगों को इंटरनेट के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा सेव योर वोइस अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए ३ और ४ नवम्बर को दिल्ली में एक ब्लॉगर्स मीट का आयोजन करने जा रहा है. जिसमे देश के कई राज्यों और शहरों से सेव योर वोइस से जुड़े सदस्य और अन्य कई ब्लॉगर्स भाग ले रहे हैं. मीट में इन्टरनेट सेंसरशिप से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा इन्टरनेट को देश के हर गाँव और शहर तक पहुंचाने के साथ ही लोगों को इसके सकारात्मक रूप के विषय में जागरूक करने के लिए आगामी कार्यक्रम तय किये जायेंगे. इसके अलावा इन्टरनेट से जुड़े और लगातार जुड़ रहे तमाम लोगों को एक सामूहिक मंच प्रदान करने के संबंध में भी निर्णय लिए जाएँगे.
Save Your Voice हमारी अभिव्यक्ति का सबसे सस्ता और आसान माध्यम इंटरनेट है. ये वो माध्यम हैं जिससे हम अपनी आवाज को अपनी भावनाओं बिना किसी एडिट के लोगों तक पहुंचाते हैं. इसी इन्टरनेट कि स्वतंत्रता कि वजह से ही दिनभर ऑफिस में रहने वाला एक आम आदमी भी पिछले साल अन्ना के भ्रष्टाचार के आन्दोलन में अपनी सहभागिता निभा पाया. इसी इंटरनेट ने हमे भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ बोलने कि हिम्मत दी. ये फ्री इन्टरनेट ही है, जिसने हमे भ्रष्टाचार और दूसरे अन्य मुद्दों पर बोलने का मंच दिया. इसी ने हमे ब्लॉग, फेसबुक इंटरनेट और दूसरे ऑनलाइन माध्यम दिए ताकि हम स्वतंत्रता पूर्वक अपनी बात कह सके. ये कहना भी गलत नहीं होगा कि इन्टरनेट ने हमारे सिले मुह खोल दिए, और हमे बोलने का मौका दिया. इससे पहले हम देख तो सकते थे, लेकिन बोल नहीं सकते थे. भ्रष्टाचार कि जिस आग में देश जल रहा है, वो वो आज़ादी के बाद से ही लगी है और इस भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने और भ्रष्टाचारियों को ये कहने कि हिम्मत कि अब हम नहीं सहेंगे, हमे अब जाकर मिली जब हमारे पास इंटरनेट आया.
आज इसी फ्री इंटरनेट से परेशान होकर सरकार हमारी इस अभिव्यक्ति के सस्ते और आसान माध्यम को भी हमसे छिनने के प्रयास में लगी है. कुछ तर्कों और अपवादों का सहारा लेकर इसे समाज और देश के लिए खतरा बताते हुए इस पर अंकुश लगाये जाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि ये फ्री इंटरनेट और हमारी अभिव्यक्ति पर उनका नियंत्रण हो. फ्री इंटरनेट को लेकर सरकार की घबराहट इस कदर बढ़ गयी है कि वो बौखलाकर वेबसाइट को बैन कर रही है और ऐसा करने वालों को झूठे मामलों में फंसाने का काम कर रही है, ताकि कोई भी सरकार के खिलाफ बोलने की कोशिश न करे.
सेव योर वोइस का सफ़र... फ्री इन्टरनेट के उद्देश्य और सेंशरशिप के खिलाफ इस साल जनवरी से शुरू हुए इस अभियान की शुरुआत चर्चित व युवा कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी और पत्रकार आलोक दीक्षित ने की. अपने कार्टूनों के माध्यम से बनाकर भ्रष्टाचार पर सीधे और तीखे प्रहार करने वाले असीम की वेबसाइट कार्टून्स अगेंस्ट करप्शन को बिना किसी पूर्व सूचना के बैन कर दी गयी थी और उन पर राजनितिक षडयंत्रों के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था. उसके बाद से लगातार सेव योर वोइस फ्री इन्टरनेट की लड़ाई लड़ रहा है. देश भर में लोगों को इंटरनेट को लेकर जागरूकता फैलाने और उस पर सरकार द्वारा अंकुश लगाये जाने की कोशिशों के विरोध में सेव योर वोइस के लोगों ने लंगड़ा मार्च निकल कर अपना विरोध प्रदर्शन किया. इसी क्रम में सेव योर वोइस ने एक अप्रैल को सिब्बल डे के रूप में मनाया और इन्टरनेट सेंसरशिप का समर्थन करने वाले केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का विरोध किया. इसके अलावा फ्रीडम इन द केज में सेव योर वोइस के कार्यकर्ताओं ने खुद को पिंजड़े में कैद करके और गिटार और पेंटिंग बनाकर लोगों को ये बताने की कोशिश की कि किस तरह वेब सेंसरशिप से हमारी अभिव्यक्ति की आज़ादी छिनने का प्रयास किया जा रहा है. ये लड़ाई इसी तरह आगे बढ़तीं रही, जिसके बाद सेव योर वोइस के कार्टूनिस्ट असीम और आलोक दीक्षित ने फ्रीडम फास्ट करते हुए जंतर-मंतर पर सात दिनों तक अनशन किया. जिसके बाद उन्हें जबर्दस्ती अनशन स्थल से उठा लिया गया. इस अनशन में सेव योर वोइस कि टीम के कार्यकताओं के अलावा आम लोग भी इकठ्ठा हुए. सेव योर वोइस कि इसी लड़ाई और लोगों को जागरूक करने के दौरान हाल ही में सेव योर वोइस के असीम त्रिवेदी को देशद्रोह के मामले में मुंबई में गिरफ्तार किया गया. जिसका मुंबई समेत देश के कई शहरों में विरोध भी हुआ. जिसके बाद सेव योर वोइस और भी जोश से अपनी फ्री इन्टरनेट कि मुहीम को आगे बढ़ा रहा है.
सेव योर वोइस अपने अभियान को आगे बढ़ाने और और अधिक से अधिक लोगों को इस वेब सेंसरशिप के बारे में जागरूक करने के लिए इस ३ और ४ नवंबर को ब्लॉगर्स मीट का आयोजन कर रहा है. जिसमे सेव योर वोइस सभी ब्लोगर्स और इंटरनेट यूजर्स से इस मीट में शामिल होने का आग्रह करता है, ताकि इन्टरनेट की आज़ादी को बरकरार रखने के लिए एक सामूहिक मंच का निर्माण हो सके.